कबीर साहिब जी किस किसको मिले ।।
#Witnesses_of_GodKabir
कबीर परमेश्वर जी का मिलन :-
आज तक हमने कबीर साहिब जी को केवल एक कवि ही मान रखा था, लेकिन वास्तव में कबीर साहिब ही पूर्ण परमात्मा है जिसका प्रमाण सभी शास्त्र, सदग्रंथों, तथा सभी महापुरुषों ने दिया है।।
परमात्मा कबीर साहेब ही नरसिंह रूप धर कर आए थे'
वाणी:-
गरीब प्रहलाद भक्त कुँ दई कसौटी, चौरासी बर ताया। नरसिंह रूप धरे नारायण, खंभ फाड़ कर आया।
इसी प्रकार से त्रेता युग में कबीर परमेश्वर मुनींद्र नाम से प्रकट हुए तथा नल व नील को शरण में लिया।
उनकी कृपा से ही समुद्र पर पत्थर तैरे।
धर्मदास जी की वाणी में इसका प्रमाण है,
रहे नल नील जतन कर हार, तब सतगुरु से करी पुकार।
जा सत रेखा लिखी अपार, सिंधु पर शिला तिराने वाले।
धन्य-धन्य सत कबीर भक्त की पीड़ मिटाने वाले।
इसके अलावा हमने यह कभी नहीं सुना था, कि विभीषण और मंदोदरी को मिले थे लेकिन वास्तव में
"कबीर सागर" में प्रमाण है कि त्रेतायुग में कबीर परमेश्वर जी मुनींद्र ऋषि के रूप में आए थे। विभीषण और मंदोदरी को शरण में लेकर उन्हें नाम उपदेश देकर सत्य भक्ति प्रदान की। पूरी लंका नगरी में केवल वे दोनों ही भक्ति भाव तथा साधु विचार वाले थे। जिस कारण उनका अंत नहीं हुआ,
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