कबीर परमेश्वर की मगहर लीला
#MagharLeela_Of_GodKabir
आज जिस प्रकार से भाई-भाई आपस में लड़ाई झगड़े कर रहे हैं
वहीं कबीर परमेश्वर जी ने आज से 600 साल पहले काशी में एक साधारण जुलावे की भूमिका निभाकर आम आदमी नहीं हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई सभी धर्मों को एक करने का काम किया ।।
राम और अल्लाह एक ही हैं!
600 साल पहले कबीर साहेब ने मगहर में शरीर छोड़ने से पहले सभी लोगो को अपना ज्ञान समझाते हुए कहा कि राम और अल्लाह एक ही हैं सभी धर्मों के लोग एक परमपिता की संतान है।
जिस प्रकार से मगहर में हिन्दू मुसलमानों के बीच का युद्ध टाल दिया था परमात्मा ने।
हिन्दू मुसलमानों में यह झगड़ा था कि वे अपने गुरु कबीर परमेश्वर जी का अंतिम संस्कार अपनी-अपनी विधि से करना चाहते थे। कबीर जी द्वारा मगहर में शरीर त्यागने के बाद उनके शरीर की जगह सुगन्धित पुष्प मिले जिस वजह से हिन्दू मुस्लमान का भयंकर युद्ध टला था। वे सभी एक दूसरे के सीने से लग कर रोये थे जैसे किसी बच्चे की माँ मर जाती है। यह समर्थता कबीर परमेश्वर जी ने दिखाई जिससे गृहयुद्ध टला।
इसके साथ ही मगहर से सशरीर सतलोक गमन करके
कबीर परमेश्वर ने हिन्दू धर्मगुरुओं के भ्रम को तोड़ा। जो ये कहा करते थे कि जो मगहर में मरता है वह गधा बनता है और काशी में मरने वाला स्वर्ग जाता है। इस भ्रम निवारण के लिए कबीर साहिब जी ने मगहर से सशरीर सतलोक गमन किया और उनके शरीर के स्थान पर चादर पर सुगंधित फूल पाए गए।
तहां वहां चादरि फूल बिछाये, सिज्या छांडी पदहि समाये।
दो चादर दहूं दीन उठावैं, ताके मध्य कबीर न पावैं अधिक जानकारी के लिए अवश्य देखिए साधना टीवी पर सत्संग शाम 7:30 से 8:30 तक।।
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