बॉलीवुड कितना ठीक है
जैसा कि आप सभी जानते ही हैं बॉलीवुड यह पश्चिमी सभ्यता की देन है हमारी भारतीय संस्कृति में कभी भी बॉलीवुड का कोई भी रोल नहीं रहा है वर्तमान समय में बॉलीवुड हमारी भारतीय संस्कृति पर इतनी हावी हो चुकी है कि भारतीय संस्कृति की जड़ को भी समाप्त कर दिया है बॉलीवुड में केवल चंद लोग अपना धन अर्जित करने के लिए आज पूरी भारतीय संस्कृति को नहीं पुरे विश्व को विनाश के कगार पर लाकर छोड़ दिया है आज हर समाज का युवा फिजूलखर्ची करता है नशा करता है यह सब बॉलीवुड की देन है
जैसा कि आप जानते हैं भारतीय संस्कृति के लोग पहले संयुक्त परिवार में रहते थे आपसी भाईचारा था सभी वेशभूषा सभ्य खानपान यह सभी भारतीय संस्कृति का मूल आधार था जबकि पश्चिमी सभ्यता के कारण जिसमें बॉलीवुड का विशेष भुमिका रही है जिसके कारण से हमारे को सबसे बड़ी हानि हुई संस्कृति का विनाश कर दिया है
आज आप देख सकते हैं वेशभूषा जो भारतीय संस्कृति की एक अलग से पहचान थी वह आज नाम निशान की रह गई है फटे पुराने कपड़े पहनना, अर्द्धनग्न कपड़े पहनना,यह सब वेशभूषा में परिवर्तन होना बॉलीवुड का कार्य है इसके अलावा आज हम शिक्षा में भी कमजोर रह रहे हैं क्या कि अब बच्चे ज्यादातर शिक्षा में समय ना देकर बॉलीवुड में फिल्में देखने, गाना सुनने में आदि हो चुके हैं
इसके अलावा बलात्कार चोरी लूटपाट सभी फिल्मों को देखने के कारण हर युवा ज्यादातर ऐसे कुकर्म सीख जाता है ।।
जबकि पहले भारत में बड़े-बड़े ऋषि महर्षि शंकराचार्य हुआ करते थे जो वेदों पुराणों सभी को कंटेस्ट याद रखा करते थे
वर्तमान समय में बच्चों को अपनी शिक्षा का पाठ्यक्रम भी सही ढंग से याद नहीं हो पाता है कारण यही है कि वे शिक्षा में समय ना देकर ज्यादातर फिल्में देखना अश्लील गाने सुनना इसमें समय बर्बाद कर देते हैं तो इस प्रकार से हम कह सकते हैं कि बॉलीवुड हमारे सभी समाज के लिए बिल्कुल भी ठीक नहीं है क्योंकि यह समाज को हमेशा तोड़ने का काम करती है ।।
सभ्य समाज की स्थापना कैसे होगी
सभ्य समाज की स्थापना करने के लिए अभी सभी जागरूक समाज से प्रार्थना है बॉलीवुड में फिल्में गाने इन सभी से दूरी बनाए रखें और सभी मनुष्य का मूल उद्देश्य होता है भक्ति करना तो आप सभी से प्रार्थना है वर्तमान समय में भारत की धरती पर शास्त्रों में प्रमाण के अनुसार जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज जी पूर्ण सतगुरु रूप में आए हुए हैं उनसे नाम उपदेश लेकर भक्ति करें और अपना मनुष्य जीवन सफल बनाएं
कबीर साहिब जी ने कहा है
मानुष जन्म दुर्लभ है मिले ना बारंबार
जैसे तरुवर से टूट गिरे पात बहुरने लगे डाल ।।
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