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Showing posts from June, 2020

पर्यावरण के फायदे

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पर्यावरण (अंग्रेज़ी: Environment ) शब्द का निर्माण दो शब्दों से मिल कर हुआ है। "परि" जो हमारे चारों ओर है"आवरण" जो हमें चारों ओर से घेरे हुए है। पर्यावरण उन सभी भौतिक, रासायनिक एवं जैविक कारकों की समष्टिगत इकाई है जो किसी जीवधारी अथवा पारितंत्रीय आबादी को प्रभावित करते हैं तथा उनके रूप, जीवन और जीविता को तय करते हैं। सामान्य अर्थों में यह हमारे जीवन को प्रभावित करने वाले सभी जैविक और अजैविक तत्वों, तथ्यों, प्रक्रियाओं और घटनाओं के समुच्चय से निर्मित इकाई है। यह हमारे चारों ओर व्याप्त है और हमारे जीवन की प्रत्येक घटना इसी के अन्दर सम्पादित होती है तथा हम मनुष्य अपनी समस्त क्रियाओं से इस पर्यावरण को भी प्रभावित करते हैं। इस प्रकार एक जीवधारी और उसके पर्यावरण के बीच अन्योन्याश्रय संबंध भी होता है। पर्यावरण के जैविक संघटकों में सूक्ष्म जीवाणु से लेकर कीड़े-मकोड़े, सभी जीव-जंतु और पेड़-पौधे आ जाते हैं और इसके साथ ही उनसे जुड़ी सारी जैव क्रियाएँ और प्रक्रियाएँ भी। अजैविक संघटकों में जीवनरहित तत्व और उनसे जुड़ी प्रक्रियाएँ आती हैं, जैसे: चट्टानें, पर्वत, नदी, ह...

जन्माष्टमी

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जन्‍माष्‍टमी :-  भगवान श्रीकृष्‍ण का जन्‍म भाद्रपद यानी कि भादो माह की कृष्‍ण पक्ष की अष्‍टमी को रोहिणी नक्षत्र में वृन्दावन हुआ था जिसके उपलक्ष्य में मनाया जाता है भगवान श्री कृष्ण के पालन पोषण के बारे में बताया गया है कि माता यशोदा को पौराणिक ग्रंथों में नंद की पत्नी कहा गया है। भागवत पुराण में यह कहा गया है देवकी के पुत्र भगवान श्रीकृष्ण का जन्म देवकी के गर्भ से मथुरा के राजा कंस के कारागार में हुआ। कंस से रक्षा करने के लिए जब वासुदेव जन्म के बाद आधी रात में ही उन्हें यशोदा के घर गोकुल में छोड़ आए तो उनका पालन पोषण यशोदा ने किया। यह सोचने की यह बात है कि भगवान श्री कृष्ण ने अपनी माता देवकी के गर्भ से जन्म लिया था लेकिन वास्तव में हमारे शास्त्रों में प्रमाण है कि पूर्ण परमात्मा शिशु रूप में जल के कमल में आकर प्रकट होता है यह लीला पूर्ण परमेश्वर कबीर साहिब जी ने की थी, जो काशी के लहर तारा नामक तालाब पर आकर प्रकट हुए थे   इसके साथ पालन पोषण के बारे में भी भगवान श्री कृष्ण का पालन पोषण गोकुल में यशोदा जी के द्वारा किया गया था वहीं पर कबीर परमेश्वर का पालन पोषण ...

सतलोक कहां है ।।

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# EternalHome_Satlok   सतलोक क्या है  क्या आपने कभी सोचा है सतलोक वह स्थान है जहां हम सभी मनुष्य व जितने भी जीव_जंतु हैं पहले सतलोक में रहते थे वहाँ जन्म_मरण नहीं होता है और हम कभी दुःखी नहीं होते और पूर्ण_परमात्मा_की_भक्ति करते हैं।              हम इस मुत्यु_लोक से कैसे बाहर निकलकर वापस सतलोक कैसे जा सकते  हैं जहां सतलोक में सभी मनुष्यों के पास अपने_घर हैं और सभी के पास पुष्पक_विमान हैं। सतलोक में बाग-बगीचे हमेशा हरे भरे रहते हैं। सतलोक_शास्वत_स्थान है। जिसके बारे में हमारे शास्त्र भी प्रमाणित करते हैं ऋग्वेद_मण्डल_9_सूक्त_96_मंत्र_18 में प्रमाण है कि पूर्ण_परमात्मा_कविर्देव तीसरे मुक्ति धाम अर्थात् सतलोक में रहता है। जहाँ जाने के बाद मनुष्य का फिर से जन्म_मरण नहीं होता है।  सतलोक केवल पूर्ण_संत_रामपाल_जी_महाराज_जी से नाम उपदेश लेने के बाद ही जाया जा सकता है, अन्य कोई तरीका नहीं है।  जिसके बारे में हमारे सभी शास्त्र_प्रमाणित करते हैं               जिस प्रकार ...

बाईबल के अनुसार अल्लाह कबीर है

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अल्लाह कौन है :-  पवित्र ग्रंथ बाईबल का ज्ञान देने वाला एक ही अल्लाह है।  बाईबल में उस अल्लाह ने कहा है कि मैंने ही दाऊद, मूसा तथा ईशा को क्रमशः तौरात, जबूर तथा इंजिल पुस्तकों का ज्ञान दिया था। कुरान का ज्ञान हज़रत मुहम्मद को दिया गया था। मुसलमान धर्म के पवित्र शास्त्र प्रमाणित करते हैं कि सर्व सृष्टी रचनहार सर्व पाप विनाशक, सर्व शक्तिमान, अविनाशी परमात्मा मानव सदृश शरीर में आकार में है तथा सत्यलोक में रहता है। उसका नाम अल्लाह कबीर है।          बाईबल में प्रमाण है कबीर परमात्मा ही अनेक रूप बना के भक्ति में आस्था बनाये रखते हैं। उन्होंने ही अल-खिद्र की लीला भी की। पवित्र बाइबल में प्रमाण है कि कबीर परमेश्वर नहीं संपूर्ण सृष्टि की रचना 6 दिन में की और साथ में दिन तक पर जा विराजे वही अल्लाहू अकबर है जिसने हम सभी मनुष्यों को खाने के लिए छोटे-छोटे पौधे के बीच उत्पन्न किया यही मनुष्य का आ रहे हैं मांस खाने का भी आदेश नहीं दिया अधिक जानकारी के लिए आप अवश्य देखिए साधना टीवी पर सत्संग शाम 7:30 से 8:30 तक।।    

कबीर साहिब जी की जयंती नहीं प्रकट दिवस मनाया जाती है ।।

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# KabirPrakatDiwasNotJayanti         सभी देवों का जन्म दिवस तो आखिर कबीर साहिब जी का प्रकट दिवस क्यों ? पूर्ण परमात्मा कबीर जी के अलावा सभी देव जन्म-मृत्यु में हैं और प्रकट दिवस सिर्फ अविनाशी परमात्मा का ही मनाया जाता है                  क्योंकि वह जन्म नहीं लेते बल्कि हर युग में कमल के फूल पर प्रकट होते हैं।            सिर्फ कबीर जी का ही प्रकट दिवस क्यों     क्योंकि ऋग्वेद मंडल नंबर 9 सूक्त 1 मंत्र 9 में प्रमाण है कि वह परमात्मा सतलोक से शिशु रूप धारण करके प्रकट होता है और कुंवारी गायों के दूध से उसकी परवरिश होती है । ऋग्वेद  मंडल नंबर 9 सूक्त 96 मंत्र 17 में भी वर्णन है कि पूर्ण परमात्मा कबीर जी जान बूझकर बालक रूप में प्रकट होते है। इसलिए उनका प्रकट दिवस मनाया जाता है  चारों युगों में सिर्फ कबीर परमात्मा के प्रकट होने के ही प्रमाण हैं सतयुग में सत सुकृत नाम से, त्रेता में मुनीन्द्र नाम से,  द्वापर में करुणामय नाम से, और कलयुग में अपने असली नाम कबीर ...

सुष्टि के रचयिता कौन है

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# DeepKnowlegde_Of_GodKabir   वास्तविक धर्म का ज्ञान                                 कबीर परमेश्वर जी ने सभी धर्मों के लोगों को संदेश दिया कि सब मानव एक परमात्मा की संतान हैं। अज्ञानता वश हम अलग-अलग जाति धर्मों में बंट गये।  जीव हमारी जाति है,मानव धर्म हमारा। हिंदू मुस्लिम सिख ईसाई, धर्म नहीं कोई न्यारा।। हिंदू मुस्लिम सिख ईसाई, आपस में सब भाई-भाई। आर्य जैनी और विश्‍नोई, एक प्रभु के बच्चे सोई।।                      इसके साथ ही कबीर परमेश्वर ने ही यथार्थ ज्ञान बताया कि ब्रह्मा विष्णु महेश की जन्म और मृत्यु होती है, ये अविनाशी नहीं है।  यही प्रमाण श्रीमद्देवी भागवत पुराण, स्कंद 3, अध्याय 5 में है। कबीर परमेश्वर ने बताया कि ब्रह्मा, विष्णु, महेश की भी जन्म तथा मृत्यु होती है। इनकी माता दुर्गा तथा पिता काल (ब्रह्म) हैं। कबीर, मां अष्टंगी पिता निरंजन, ये जम दारुण वंशन अंजन। तीन पुत्र अष्टंगी जाए, ब्रह्मा विष्णु शिव नाम धराए।। इतना ह...

कबीर परमेश्वर जी द्वारा जीवों का उद्धार करना

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DivinePlay_Of_GodKabir        कबीर जी को आज तक हमने केवल एक महान् कवि के रूप में सुना था, वह एक महान कवि ही नहीं,सभी धर्मों के शास्त्रों के अनुसार वे एक पूर्ण परमात्मा है जो सम्पूर्ण सृष्टि के रचयिता हैं जिसके बारे में आज तक हमारे को किसी ने जानकारी नहीं दी, आखिर ऐसा क्या कारण है उनके बारे में बहुत सारे गुडरहस्य छुपे हुए हैं जिसके बारे में कुछ एक गूढ़ रहस्य के बारे में नीचे जानकारी दी जा रही है इसे आप गहराई से अवश्य जानने की कोशिश करें ।। " सम्मन को पार करना"                सम्मन एक बहुत गरीब व्यक्ति था। जब कबीर परमात्मा का भक्त बना। तब परमात्मा के आशीर्वाद से दिल्ली का महान धनी व्यक्ति हो गया, परंतु मोक्ष की इच्छा नहीं बनी। सम्मान ने अपने परमेश्वर रूप सतगुरु के लिए अपने बेटे की कुर्बानी की थी। जिस कारण अगले जन्म में नौशेरखान शहर के राजा के घर जन्मा। फिर ईराक देश में बलख नामक शहर का राजा अब्राहिम सुल्तान बना। परमात्मा ने उस आत्मा के लिए अनेकों लीलाएं की और उसका उद्धार किया।            "...

कबीर परमेश्वर की महिमा

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# Miracles_Of_GodKabir                                              जैसा कि वेदों में प्रमाण है कि #परमात्मा जब #धरती पर आता है तब शिशु रूप में #कुंवारी गायों का #दूध पीता है वह कबीर परमेश्वर ही है जो आज से 600 साल पहले भारत की धरती पर काशी शहर में एक साधारण #जुलावे की भूमिका निभाकर  #सशरीर_सतलोक चले गए थे ।। "# शिशु_कबीर_देव_द्वारा_कुँवारी_गाय_का_दूध_पीना"    जब बालक कबीर को दूध पिलाने की कोशिश में #नीरू_नीमा असफल रहे। तब #कबीर_साहेब ने कहा #कुँवारी_गाय ले आओ मैं उसका #दूध_पीऊँगा। ऐसा ही हुआ। जिसका प्रमाण #ऋग्वेद मण्डल 9 सूक्त 1 मंत्र 9 में प्रमाण है कि #पूर्ण_परमात्मा अमर पुरुष जब लीला करता हुआ बालक रूप धारण करके स्वयं प्रकट होता है तब कुँवारी गाय अपने आप दूध देती है जिससे उस पूर्ण प्रभु की परवरिश होती है।             "# शिशु_कबीर_परमेश्वर_का_नामांकन "                   ...