कबीर परमेश्वर जी की परीक्षा

# 52_Cruelities_On_GodKabir कबीर साहिब जी ने हमेशा ही सच्चे ज्ञान को बताने का प्रयास किया, जिसके कारण से आज से 600 साल पहले जब कबीर परमात्मा धरती पर आए थे तब भी हिंदू और मुस्लिम धर्म के धर्मगुरु कबीर साहिब जी के खिलाफ थे, क्योंकि कबीर साहिब जी, हमेशा सत्य बातें बताते थे और कबीर परमात्मा कहते हैं जो अपना होता है वह सत्य बात करता है और सत्य बात कड़वी होती है जिसके कारण से हिन्दूओं के धर्मगुरु तथा मुसलमानों के काजी हमेशा ही कबीर साहिब जी से नाराज़ रहते थे।। जिसके कहीं प्रमाण जब कबीर साहेब जी सिकंदर लोधी के दरबार में बैठकर सत्संग कर रहे थे,तब शेखतकी ने सिपाही से कहा कि लोहे को गर्म करके पिघलाकर पानी की तरह बनाओ और कबीर साहेब पर डालो। ठीक ऐसा ही हुआ जब लोहा गर्म करके पिघलाकर कबीर साहेब पर डाला तब वह फूल बन गए जैसे की मानो फूलों की वर्षा होने लगी। तब सभी ने कबीर साहेब की जय जयकार लगाई। इसी प्रकार से कबीर साहेब जब सत्संग कर रहे थे तब शेखतकी ने सिपाही से कहा कि इनके गले में जहरीला साँप डाल दो लेकिन वो साँप कबीर साहेब के गले में डालते ही सुंदर पुष्पों की माला बन गया। क्यो...